Goenka Double Haveli - MANDAWA
मंडवा की ये डबल हवेली गोयनका सेठो के द्वारा बनवाई गयी हैं ये हवेली दो गोयनका भाइयो की थी जो की बिलकुल समान थी
गोयनका डबल हवेली ऊंटों और घोड़ों की पेंटिंग के साथ, गोयनका डबल हवेली का अग्रभाग अलंकृत है और बेहद आकर्षक दिखता है। यहां दो प्रवेश द्वार हैं, दोनों ही भव्यता का प्रतीक हैं। राजपूत व्यापारियों ने 18वीं शताब्दी में इस हवेली की स्थापना की थी। इसके हर कोने में राजस्थानी कला का बेजोड़ प्रदर्शन देखने को मिलता है। भित्तिचित्रों, रूपांकनों, पेंटिंग्स, नक्काशी और अन्य डिज़ाइनों को सावधानीपूर्वक एम्बेड किया गया है। सजावट की भारतीय और यूरोपीय शैली का एक आदर्श जाल है; यह राजस्थानी महिलाओं और टोपी पहने यूरोपीय पुरुषों के चित्रों से स्पष्ट होता है। विलासिता ने कमरों के डिज़ाइन को प्रेरित किया है। यह हवेली मंडावा का एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण मानी जाती है।
ऊंटों और घोड़ों की पेंटिंग के साथ, गोयनका डबल हवेली का अग्रभाग अलंकृत है और बेहद आकर्षक दिखता है। यहाँ दो प्रवेश द्वार हैं, दोनों ही भव्यता के प्रतीक हैं। राजपूत व्यापारियों ने 18 वीं शताब्दी में इस हवेली की स्थापना की थी। इसके हर कोने में राजस्थानी कला का एक बेदाग प्रदर्शन किया गया है। भित्तिचित्र, रूपांकन, पेंटिंग, नक्काशी और अन्य डिज़ाइन सावधानी से जड़े गए हैं।
यहाँ भारतीय और यूरोपीय शैली की सजावट का एक बेहतरीन मिश्रण है; राजस्थानी महिलाओं और टोपी पहने यूरोपीय पुरुषों की पेंटिंग से यह स्पष्ट है। कमरों के डिज़ाइन में विलासिता ने प्रेरणा दी है। इस हवेली को मंडावा का एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण माना जाता है।
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