Marwari Pre Wedding Rituals
मारवाड़ी शादी से पहले होती हैं कई रस्में, इन प्री-वेडिंग रस्मों के बारे में जानें
मारवाड़ी शादी में पीठी दस्तूर, गणपति स्थापना और महफिल जैसी रस्में होती हैं.
संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाजों के कारण खास होती है मारवाड़ी शादियां.
मारवाड़ी संस्कृति पारंपरिक रीति-रिवाजों को लेकर काफी मशहूर कही जाती है. मारवाड़ी शादियों में कई रोचक परंपराएं और रीति-रिवाज देखने को मिलते हैं. मारवाड़ी शादी के रीति-रिवाज कई दिनों तक चलते हैं. शादी के पहले और बाद भी कई नियम होते हैं. सगाई से शुरू होकर पीठी दस्तूर, गृह शांति और माहिरा जैसी कई रस्में मारवाड़ी विवाह में वर और वधू पक्ष के घर में शादी के पहले होती है.
मारवाड़ी शादियां काफी भव्य तरीके से संपन्न होती है जो पहली नजर में किसी उत्सव की तरह लगती है. अपनी भव्यता और खास रीति-रिवाजों के कारण मारवाड़ी शादियां आकर्षण का केंद्र मानी जाती है. आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं मारवाड़ी विवाह में शादी के पहले होने वाली प्री-वेडिंग रस्मों के बारे में.
मारवाड़ी शादी की प्री-वेडिंग रस्में
सगाई:सगाई या इंगेजमेंट वैसे तो हर धर्म और जाति में होती है लेकिन मारवाड़ी शादियों में सगाई की रस्म अलग तरीके से संपन्न होती है. यह समारोह दूल्हे के घर पर होता है. इसमें वधू के घर से पुरुष सदस्य वर के घर पर आते है. वधू का भाई वर के माथे पर ‘तिलक’ करता है और उसे तलवार, कपड़े और मिठाई आदि भेंट दी जाती है. इस रस्म में आमतौर पर महिलाएं भाग नहीं लेती.
गणपति स्थापना: शादी की तिथि तय हो जाने पर विवाह से कुछ दिन पूर्व घर पर ‘गणपति स्थापना’ की जाती है. इसके बाद से विवाह से संबंधित सभी शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं. कहा जाता है कि गणपति स्थापना के बाद विवाह में बाधा की आशंकाएं दूर होती है.
पीठी दस्तूर: सगाई समारोह और गणपति स्थापना के बाद पीठी दस्तूर की रस्म होती है. इसे आप हल्दी की रस्म भी कह सकते हैं. इसमें वर और वधू दोनों शामिल होते हैं. इस समारोह में वर और वधू को पीढ़े यानी किसी लकड़ी की पीठ पर बैठाकर हल्दी और चंदन से बना पेस्ट लगाया जाता है. इस रस्म के बाद वर और वधू घर से बाहर नहीं निकलते हैं. इस रस्म को ही पीठी कहा जाता है.
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