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Wednesday, February 7, 2024

SHEKHAWATI - शेखावाटी - भारत की औद्योगिक राजधानी

 #SHEKHAWATI - शेखावाटी - भारत की औद्योगिक राजधानी

#शेखावाटी को आमेर राजघराने के कुंवर महाराव #शेखाजी ने बसाया था. शेखा जी कच्छवाह राजपूत थे. कछवाहा अर्थात श्री राम के पुत्र कुछ के वंशज. इन्हीं राव शेखा जी के नाम पर शेखावत वंश चला. शेखाजी का जन्म आज की विजय दशमी के दिन राजा राम के पावन कुल में हुआ था। 

महाराव शेखाजी की शासनावधि में विदेशी तुर्क आक्रान्ताओं की मार आज का समूचा राजस्थान झेल रहा था. शेखाजी गजनी, गौरी जैसों से कई बार भिड़े ऐसा माना जाता हैं. शेखावाटी को तुर्कों से साफ करके सबसे समृद्ध राज्य बनाने का श्रेय राव शेखाजी को जाता है। एक गौरक्षक के रूप में इन्होने गायो की सेवा की, उनके लिए गौशाला और चारे का प्रबंध किया. इनकी स्पष्ट घोषणा थी कि अगर कोई उनके रहते गाय पर अत्याचार करेगा तो उसकी गर्दन उडा दी जाएगी. जैसी छवि इनकी गौरक्षा के प्रति थी वैसे ही नारी सुरक्षा और सम्मान के रक्षक भी थे. गोड राजा रिडमल के साथ घाटवा के युद्ध में तीर लगने से अक्षय तृतीया के दिन इनका देहांत हो गया था. 

शेखावटी में वैसे तो राजपूतो का वर्चस्व रहा है और है लेकिन यहां अग्रवाल जिन्हें *मारवाड़ी* भी कहते है, इन्होंने दुनिया भर में अपने व्यापारिक कला के दम पर राज किया। इनको व्यापारिक कार्य कुशलता से ज्यादा कुछ कर दिखाने की ललक ने इन्हें विश्वपटल पर पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। भारत के टॉप 10 सबसे अमीर आद्योगिक घरानों में 2 (मित्तल, बिड़ला) तो अकेले शेखावटी अंचल से हैं। 

आज शेखावाटी विश्व के बड़े धनी क्षेत्रो में से एक आता है, यहां गरीबी ना के बराबर है, आज से 200-300 साल पहले यहां की सम्रद्धि क्या थी, यह यहां के मारवाड़ी अग्रवालो की हवेलियां ही बता देती हैं। शेखावाटी को भारत की औद्योगिक राजधानी माना जाता है क्योंकि बजाज,सिंघानिया, बिड़ला, डालमिया, रुइया, मित्तल, पोद्दार, खेतान, वेदांता, गोयनका, पिरामल, मोरारका, जालान आदि तमाम औद्योगिक घराने शेखावाटी से निकले हैं। 

#अग्रवालों की जन्मभूमि #अग्रोहा जरूर थी लेकिन शेखावटी के अग्रवालों ने देश-धर्म और भारत की अर्थव्यवस्था के लिए जो किया वो मिसाल है. अग्रवालों के पूर्वज महाराजा #अग्रसेन का जन्म भी इन्हीं रामपुत्र कुश की ३४वीं पीढ़ी में हुआ था। अग्रवाल भी शेखावतों की तरह भगवान राम के पुत्र कुश के ही वंशज हैं। 

 #गीता_प्रेस जो हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी धार्मिक प्रेस के उसके संस्थापक #जयदयाल_गोयनका जी और #हनुमान_प्रसाद_पोद्दार जी दोनों शेखावटी के लाल थे.
 
 इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के खिलाफ सबसे तीव्र स्वर में आंदोलन चलाने वाले और प्रेस के आजादी के पुरोधा इंडियन एक्सप्रेस के मालिक #रामनाथ_गोयनका जी हों,
 
भारत के कॉटन किंग कहे जाने वाले #गोविंदराम_सेकसरिया,
विश्व के स्टील किंग #लक्ष्मी_निवास_मित्तल, या
महान प्रखर गांधीवादी और स्वतंत्रता सेनानी #जमनालाल_बजाज हों,
भारत की सर्वश्रेष्ठ मिसाइल अग्नि सीरीज के जनक "राम नारायण अग्रवाल" भी शेखावाटी अंचल के हैं।
गौमाता के लिए अपने प्राणों का त्याग करने वाले करपात्री जी के भामाशाह #रामकृष्ण_डालमिया हों..
सेठों की नगरी रामगढ़ बसाने वाले सेठ चतुर्भुज पोद्दार भी शेखावाटी हों

सभी शेखावटी के अग्रवाल हैं. शेखावटी का रामगढ़ जिला जो अपने समय का सबसे बड़ा आद्योगिक जोन था उसके संस्थापक पोद्दार और रुइया भी बंसल गोत्र के अग्रवाल थे। भारत की पहली रजिस्टर्ड कंपनी रामगढ़ शेखावाटी के क्षेत्र ताराश्याम घनश्याम दास पोद्दार की थी जिसमें लक्ष्मी निवास मित्तल और घनश्याम दास बिड़ला दोनो के दादा ने काम किया था। 

#माहेश्वरीयों का #बिड़ला_घराना भी शेखावटी के झुंझुनू जिले के हैं. जिन्होंजे भारत वर्ष में भव्य सनातन धर्म के मंदिर बनवाए इसी झुंझुनू में अग्रवाल कुलावतंस #राणी_सती_दादी जी का भव्य मंदिर है. सिंघानिया से लेकर डालमिया घराने तक तमाम आद्योगिक घराने शेखावटी से ही निकले हैं जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी। 

सिर्फ व्यापार जगत में ही नहीं बल्कि वीरता में भी शेखावटी ने अपना लोहा मनवाया है. इसके बाद इस शेखावाटी क्षेत्र को फ़ौज की फैक्ट्री भी माना जाता है । राजस्थान में अब तक सभी जिलों में मिलाकर 1550 जवान वीरगति को प्राप्त हुए है, उसमें से 760 जवान तो मात्र शेखावाटी के है. राजस्थान का हर दूसरा शहीद शेखावाटी से होता है. राजस्थान का पहला परमवीर चक्र शेखावटी अंचल के मेजर पिंटू सिंह शेखावत को मिला था। 

शेखावटी के वीर शेखावत राजपूतो ने जहाँ देश के माटी की रक्षा की वही यहां के अग्रवाल व्यापारियों ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना अमूल्य योगदान दिया... 

साभार - प्रखर अग्रवाल

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