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Wednesday, February 12, 2025

VAISHYA GOVIND GUPT - गोविन्द गुप्त

VAISHYA GOVIND GUPT - गोविन्द गुप्त

गुप्त साम्राज्य में भी शासन की सुविधा के लिये साम्राज्य का विभाजन प्रान्तों में किया गया था। प्रान्त को देश अथवा भुक्ति कहा जाता था। राज्यपाल को 'उपरिक' अथवा 'उपरिक महाराज' कहा जाता था। ये राज्यपाल उप नरेश की भांति अपने- अपने क्षेत्रों में ठाट-बाट के वातावरण में राज्य करते थे। उन्हें प्रान्तीय कर्मचारियों की नियुक्ति का पूर्ण अधिकार प्राप्त था। गुप्तवंशीय अभिलेखों के साक्ष्यों से प्रमाणित हो जाता है कि राजकुमारों के अतिरिक्त विश्वस्त एवं सुयोग्य कर्मचारी भी प्रान्तपति के पद पर नियुक्त किये जाते थे। गुप्त राजवंश के शासकों का उल्लेख हम पहले ही कर चुके हैं। अभिलेखों से पता चलता है कि गुप्त वंश के कुछ राजकुमार भी प्रान्तपति जैसे महत्वपूर्ण प्रशासकीय पदों पर नियुक्त थे। गोविन्दगुप्त सम्भवतः कुमारगुप्त का छोटा भाई था। वैशाली मुद्रा के ऊपर उसका नाम उत्कीर्ण मिलता है। वह चन्द्रगुप्त द्वितीय के समय वहां का राज्यपाल था। कुमारगुप्त के समय वह पश्चिमी मालवा का राज्यपाल था। गुप्त राजवंश वैश्य जाति से सम्बंधित था, इस सम्बन्ध में पहले ही विस्तार पूर्वक चर्चा की जा चुकी है। अतः इस राजपरिवार के राजकुमारों की जाति आदि के सम्बन्ध में पुनरावृत्ति करना पिष्टपेषण मात्र होगा।

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