VAISHYA SENAPATI CHAHAD
यह बहड़ का छोटा भाई था। कुमार पाल ने इसकी योग्यता के कारण इसे अपना सेनापति नियुक्त किया था। प्रबन्ध चिन्तामणि में मेरुतुंग ने कुमारपाल के एक ऐसे आक्रमण का उल्लेख किया है जो चहड़ के नेतृत्व में किया गया था। इस अभियान में चहड़ विजयी होकर लौटा। इस सफलता के कारण कुमारपाल सेनापति चहड़ से बहुत प्रसन्न हुआ और उसे 'राजघटत्ता' की उपाधि से विभूषित किया।
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