VAISHYA SENAPATI AMBAD
अम्बड भी वैश्य जाति का परमवीर सेनापति था। अप्रतिम शौर्य के कारण कुमारपाल ने इसे राज्य की सबसे सम्मानीय उपाधि 'पितामह' से अलंकृत किया था। इस वैश्य सेनापति ने दक्षिण कोंकण के राजा मल्लिकार्जुन तथा चालुक्य कुमारपाल के बीच हुये युद्ध में सेनापति के रूप में अप्रतिम शौर्य का परिचय दिया था। इस योद्धा ने रणभूमि में अपनी लपलपाती तलवार से मल्लिकार्जुन के मस्तक को कमल पुष्प की भांति काट दिया था। इसके पश्चात उसने राजसभा में बहत्तर राजाओं की उपस्थिति में सुवर्णराशि में मल्लिकार्जुन का सिर अभिवादन सहित कुमार पाल के सम्मुख उपस्थित किया। मल्लिकार्जुन के कोषागार से प्राप्त विशाल धनराशि भी उसने भेंट की। इस पर प्रसन्न होकर कुमार पाल ने 'राजपितामह' की उपाधि अम्बड को प्रदान करते हुये उसे सम्मानित किया।
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