VAISHYA SAMANT UDAYAN
यह पहले ही कहा जा चुका है कि चालुक्यों के शासन काल में राज्य के उच्चतम अधिकारियों में प्रमुख वणिक वर्ग के हो लोग थे। जाम्ब, मुंजाल, उदयन आदि सभी अधिकारी वैश्य जाति के ही थे। उदयन चालुक्य नरेश जयसिंह (1094- 1142 ई०) के महामात्य थे। जयसिंह के कोई पुत्र न था लेकिन कुमारपाल को राजा बनाना जयसिंह को सहा न था। उसने इसी लिये कुमारपाल के पिता त्रिभुवन पाल का वध करा डाला और कुमार पाल को भी मार डालने की इच्छा से पकड़ने की आज्ञा दे दी। उदयन जयसिंह के मंत्री थे फिर भी उन्होंने कुमारपाल की रक्षा तथा उसे राजपद दिलाने में विशेष भूमिका निभाई। जिस समय कुमार, पाल आश्रय विहीन हो अज्ञातवास तथा असहायावस्था में इधर-उधर भ्रमण कर रहा था उस समय मंत्री उदयन ने अपने यहां इन्हें न केवल शरण दी अपितु धनादि की भी सहायता की थी। कुमारपाल ने राजसिंहासन प्राप्त करने के पश्चात उदयन का आभार मानते हुये उसे न केवल अपना प्रधानमंत्री बनाया अपितु उसके पुत्रों को भी राज्य के शासन में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया।
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