VAISHYA SENAPATI BEECHAN
न केवल उत्तर भारत अपितु दक्षिण भारत में भी हम कुछ वैश्य जातीय मंत्रियों एवं सेनापतियों का उल्लेख पाते हैं। यादव राजवंश के प्रसिद्ध शासक सिंहण (1210 ई०) का सेनापति बीचण वैश्य जाति का ही था। यह उसके सर्वाधिक प्रसिद्ध सेनापतियों में एक था। इसे विध्वंस में यम और राजनीतिक बुद्धिमत्ता में नवीन चाणक्य अथवा विष्णु गुप्त के रूप में वर्णित किया गया है। इसका स्वामी इस पर उतना ही विश्वास करता था जितना स्वयं अपने हृदय पर। सेनापति बीचण ने होयसलों के विरुद्ध युद्धों में महत्वपूर्ण भाग लिया था। इसके एक अभिलेख में कहा गया है कि इसने कावेरी नदी के तट पर एक विजय स्तम्भ स्थापित किया था। उसकी महत्वपूर्ण सेवाओं को मान्यता प्रदान करने के लिये उसे कर्णाटक का उपराजा नियुक्त किया गया तथा वहां पर उसने सामन्तों को दबाने और शान्ति एवं व्यवस्था बनाये रखने में अपने अधिस्वामी की बड़ी सहायता की थी।
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