VAISHYA PARNDUTT - पर्णदत्त
यह भी वैश्य सम्राट स्कन्दगुप्त के काल में सौराष्ट्र प्रान्त का राज्यपाल था। स्कन्दगुप्त के कर्मचारियों में यह सर्वाधिक योग्य था। इस प्रान्त की रक्षा के निमित्त सबसे उपयुक्त कर्मचारी यही समझा गया था। पारसीक लेखों में इसे फर्नदत्त कहा गया है। 157 स्कन्दगुप्त के जूनागढ़ लेख में इसकी योग्यता के सम्बन्ध में कहा गया है कि जिस प्रकार देवता वरुण को पश्चिमी दिशा का अधीश्वर नियुक्त कर स्वस्थ मन हो गये थे, उसी प्रकार वह राजा (स्कन्दगुप्त) पर्णदत्त को पश्चिमी दिशा का गोप्ता (रक्षक) नियुक्त कर विश्वास युक्त हो गया था।
No comments:
Post a Comment
हमारा वैश्य समाज के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।