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Monday, May 6, 2024

DON BAILLI TELI VAISHYA SAMAJ

DON BAILLI TELI VAISHYA SAMAJ

ये लोग दो बैलों (बेल) के साथ तेल मिलों में काम करते थे और यह समृद्धि का प्रतीक था। यह तेली समाज अधिकतर महाराष्ट्र विदर्भ में पाया जाता है। वे मराठी भाषा बोलते हैं जो पूर्व में ज़दी बोली है।

महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में क्रे, चकोले। वे अमरावती, अकोला, यवतमाल, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया, वर्धा, वाशिम, गढ़चिरौली और नागपुर, पांडुर्ना (एमपी), औसर (एमपी) और भोपाल (एमपी), बालाघाट और बैतूल, राजनांदगांव, रायपुर और दुर्ग में व्यापक रूप से फैले हुए हैं।

उनके उपनाम इस प्रकार हैं

तेली समाज के उपनाम

अंबेकर,
अंबिके,
अंबरे,
अवसारे,
अवसरे,
बडेकर,
बनसोडे
बराकसे,
बारामुखा
बत्तासे,
भगत,
भागवत,
भजनकर,
भांडेकर,
भिसे,
,
भोटा,
भुसारी,
बिजवे,
बिरार,
चलेकर,
चांदेवार,
चन्ने,
चतुर ,
चौदारे,
चौधरी,
चौधरी,
चव्हाण,
चिलेकर,
चिंचकर,
चोथावे,
चोथे,
चौधरी, दाभोली
,
दाभोलकर, दहितुले, दैतुले, दलवी, दारुनाकर, देहाद्रय, देशमाने , , देवारागावकर, धवले , ढेंगले, धोत्रे, दिलिव, दिवाते , दिवटे , दिवटे , डोलसे , डोलसे , डोंगारे , दुर्गुडे , डुटूंडे , गायकवाड , गवली , घाटकर , घाटकर , घोडाके घोडके , हदके , हाडके , हजारे , हिवरेकर , होनकलसे , इंगले , इप्टे , जाधव , जगनाडे , जामखंडी , जथार , जठहार, कदम, कहाने, कलमधड, काले, कपाड़िया, कपासे, कराडिले, करतकरा , , कार्डिले, करपे, कसाबे कटके, कटेकर, कथूरे , कटके, कवाडे , कवाडे, केदारी, खड़े खलादे, खलादकर, खेतड़ी, खोंड , खोत, किर्वे, कोर्डे कोटे, क्षीरसागर, लांडे, लांजेकरा , लोखंडे, लुटे, मगर, महादिक, महाकलेकर, महाले, मकुडे, माने, मंथलकर, मावले, मेहर, मेरुकारा, म्हास्के , म्हात्रे, मोगारे, मोहोपडकर, मोहपडकर, मोर्गनकर , नाचनकर, नागले, नागमाला, नागमाले, नागिन, नागपुरे,

नाइक (नेरकर),
नसरे,
नेरकर,
पाबलकर,
पैठनपगारे,
पनहाले,
पारे,
पाटस्कर,
पाटिल,
पावस्कर,
पवार,
पावस्कर,
पेंडबाजे,
फाल्ले,
फलटणकर,
पिंगले
, पिन्नालारव,
रहाटे ,
रंखंब,
रत्नापारखी,
रत्नापारखी,
राऊत,
रायकारा,
रोकाडे ,
साहू,
सैंद्रे,
सकपाल ,
साकुरे, सालावने,
सालुंके,
समरिता
,
सपकाल
, सरजे,
सासाने ,
सासवडकर , सावरकर, सयाकारा
, शास्त्री , शेडगे, शेजावल, शेजवाल , शेलार, शेमबडे, शेंदुरकर, शेवंती, शिंदे, शिरसथ, सोनवणे, सोनटक्के , सुरले, सूर्यवंसी, तलमले, तांबे, तम्हनकर, तावड़े, टेकाले , टेकावाडे, तेली, तेली (कसाबे), थोकले, थोम्ब्रे, थोरात, तिलगुले, टोंडे, उबले, उचित , उग्रान, वैरागी, वाम्भिरे, वीरकर , वेताल, विभुते, विडे, व्यवहारे , व्यवहारे , वाडेकर, वाघ , वाघाचौरे, वाघमारे , वाल्हेकर, वालुंजकर, वालजादे , वरुडकर, वाव्हाल, येवले, भरदाम, वाघोलिकर, पोटे, दिवारे, गजरे, अवले, रघाटटे, पगार, मोहकारे, परतकर, गरुड़, शिखरे, बावस्कर, घोरपड़े, ठाकरे, कनाडे, कटोरे, मोदी, गुलवाड़े, सातोने, इटानकर, रेवतकर, तलवेकर , तडस , दोदामणि, चिंचकर , अडासुल , कलाशेट्टी, उगले, मोहोकर, भिवगड़े, गलवाडे, कल्लासेट्टी, कस्तुरे, घोरपड़े, चौगुले, मार्तंडे, बिज्जरगी, अल्लोली, खेडगी, करीमुंगी, खुर्द, सज्जनशेट्टी,

मंतलकर,
परदेशी,
माडेकर,
मंगरुले,
पलंगे,
डिचोलकर,
कोरे,
नुक्काने,
कुगने,,

अन्य तेली समाज उपजाति भारत में पाई गई

मराठा तेली, राठौड़ तेली, क्षत्रिय तेली, जयरत तेली, तिलवान तेली, राठौड़ तेली, राठौड़ तेली, सवजी तेली, तिरमल तेली, एक बेली, एरंडेल तेली, डॉन बेली तेली, साहू तेली, वद्धार तेली, तरहान तेली, मूडी तेली, कोंकणी तेली, लिंगायत तेली, वीरशैव लिंगायत तेली, बाथरी तेली, राजपूत तेली, साहू तेली समाज, उनाई साहू तेली समाज, गनिगा, गंडला, घांची तेली समाज, वानिया चेट्टियार, चेट्टियार, गनिगा शेट्टी, ज्योतिपना गनिगा, ओंटेट्टू गनिगा, सोमक्षत्रिय गनिगा, जोडेटु गनिगा, वीरशैव गनिगा और अन्य नारंगी तेली, राठौड़ तेली, क्षत्रिय तेली, जीर तेली, तिळवण तेली, सावजी तेली, तिरतल तेली, एक बैल तेली, एरंडेल तेली, दोन तेली, साहू तेली, मोदी तेली, कोकणी तेली या कोकण तेली, लिंगायत तेली, विरशैव लिंगायत तेली, राजपूत तेली, उनाई चंद्र तेली, सेकेन्डर तेली, साव तेली.

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