Pages

Tuesday, May 28, 2024

PAYAL KAPADIA WON CANNES FILM FESTVAL 2024 AWARD

PAYAL KAPADIA WON CANNES FILM FESTVAL 2024 AWARD

77वें कान फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) में भारत की पायल कपाड़िया (Payal Kapadia) ने एक नया इतिहास रच दिया है। उनकी फिल्म “ऑल वी इमैजिन ऐज़ लाइट” (All We Imagine as Light) ने कान का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार, ग्रां प्री (Grand Prix – Jury Prize), जीत लिया है। इस अवॉर्ड को जीतने वाली पायल भारत की पहली महिला फिल्ममेकर बन गई हैं। पायल की फिल्म का प्रीमियर 23 मई को कान में हुआ था, जहाँ इसे 8 मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन मिला था। फिल्म की कहानी मुंबई में रहने वाली दो नर्सों के जीवन पर आधारित है।


मंच पर अवॉर्ड लेने गईं पायल कपाड़िया ने कहा, “बहुत-बहुत धन्यवाद। इस कॉम्पटीशन में फिल्म का चयन होना मेरे लिए एक सपने जैसा था। लेकिन यहां अवॉर्ड जीतना मेरी कल्पना से भी परे है। धन्यवाद। मैं मिगुएल गोम्स (Miguel Gomes, पुर्तगाल के फिल्ममेकर हैं, जिन्हें कान 2024 में बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला है) की बहुत बड़ी फैन हूं। इसलिए जो वो करते हैं, मैं भी उसका अनुसरण करती हूं। मैं भी अपनी फिल्म के एक्टर्स को स्टेज पर बुलाना चाहती हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि उनके बिना यह फिल्म संभव नहीं हो पाती। इन तीन महिलाओं ने मुझे बहुत कुछ दिया है। फिल्म में भी इन्होंने एक परिवार की तरह योगदान दिया है और इसे अपना बनाया है। आप सभी का धन्यवाद।”

पायल ने आगे कहा, “मैं बहुत घबराई हुई हूं, इसलिए मैंने कुछ लिखा है। हमारी फिल्म को यहां लाने के लिए कान फिल्म फेस्टिवल का बहुत धन्यवाद। लेकिन कृपया अगली भारतीय फिल्म को यहां जगह देने में 30 और साल न लगें। मैं अपने प्रोड्यूसर्स का भी धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मेरे इस अजीब आइडिया को समर्थन दिया। क्योंकि एक फिल्म बनाने के लिए एक गांव की आवश्यकता होती है। इसलिए मेरी टीम और क्रू के बिना यह संभव नहीं था।”

कौन हैं पायल कपाड़िया (Payal Kapadia Birth, Education, Career)

पायल कपाड़िया का जन्म मुंबई में गुजराती वैश्य परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल से पूरी की। इसके बाद, वे मुंबई लौटीं और सेंट ज़ेवियर कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। स्नातक की पढ़ाई के बाद, उन्होंने सोफिया कॉलेज से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। पायल ने फिल्म निर्देशन में करियर बनाने का निर्णय लिया और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) पुणे से फिल्म निर्देशन की पढ़ाई की। उनकी मां, नलिनी मालिनी, भारत की पहली पीढ़ी की वीडियो आर्टिस्ट हैं।

पायल ने अपने करियर की शुरुआत शॉर्ट फिल्मों से की। 2014 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म “वाटरमेलन, फिश एंड हाफ घोस्ट” बनाई। इसके बाद, 2015 में “आफ्टरनून क्लाउड्स” और 2017 में “द लास्ट मैंगो बिफोर द मानसून” बनाई। 2018 में, उन्होंने “एंड व्हाट इज द समर सेइंग” नामक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई। पायल कपाड़िया ने अपनी प्रतिभा और समर्पण के बल पर भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।

पायल कपाड़िया परिवार (Family)

पायल कपाड़िया का परिवार हिंदू धर्म का पालन करता है। उनके परिवार में उनकी मां नलिनी मालानी हैं, जो एक प्रसिद्ध वीडियो आर्टिस्ट हैं। पायल की एक बहन भी है। पायल को लेखन और मूवी एडिटिंग का शौक है। अपने परिवार और शिक्षा के समर्थन से, पायल ने फिल्म निर्देशन में एक सफल करियर बनाया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की।

पायल कपाड़िया के फिल्म की कहानी

‘ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट’ एक मलयालम-हिन्दी फीचर फिल्म है, जिसमें कनी कुश्रुति, दिव्या प्रभा, छाया कदम, ऋधु हरूण और अज़ीस नेदुमंगड़ जैसे प्रमुख कलाकारों ने अभिनय किया है। यह फिल्म दो नर्सों, प्रभा और अनु, की कहानी है जो साथ में रहती हैं। प्रभा की अरेंज्ड मैरिज हुई है और उनका पति विदेश में रहता है। अनु, जो प्रभा से छोटी है, अविवाहित है और एक लड़के से प्यार करती है।

फिल्म में दोनों नर्सें अपनी दो दोस्तों के साथ एक ट्रिप पर जाती हैं, जहाँ वे अपनी पहचान और आजादी को तलाशने का प्रयास करती हैं। यह यात्रा उन्हें समाज में एक महिला होने, उनके जीवन और स्वतंत्रता के महत्व को समझने का अवसर देती है। फिल्म महिलाओं की पहचान, उनके संघर्ष और समाज में उनके स्थान को गहराई से छूती है।

पायल कपाड़िया इससे पहले भी कान फिल्म फेस्टिवल में अपनी पहचान बना चुकी हैं। उन्होंने 2021 में ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ नामक एक डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन किया था, जिसे कान फिल्म फेस्टिवल में ‘दी गोल्डन आई’ अवॉर्ड मिला था। यह अवॉर्ड फेस्टिवल की बेस्ट डॉक्यूमेंट्री को दिया जाता है, और इस सम्मान ने पायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।

Payal Kapadia: कान में सम्मान पाने वाली पहली भारतीय निर्देशक

पायल कपाड़िया भारत की पहली ऐसी निर्देशक हैं, जिन्होंने कान 2024 में इंटरनेशनल मंच पर भारत को गौरवान्वित किया है। कान फिल्म महोत्सव की धूम हर जगह है। पायल कपाड़िया की फीचर फिल्म ‘ऑल वी इमैजिन ऐज लाइट’ का प्रीमियर 23 मई 2024 को कांस फिल्म फेस्टिवल में कॉम्पटीशन सेक्शन में हुआ। इस फिल्म फेस्टिवल में 30 साल बाद किसी भारतीय फिल्म का प्रीमियर हुआ। यह फिल्म कॉम्पटीशन सेक्शन में दिखाई जाने वाली पहली भारतीय फिल्म है। 77वें कांस फिल्म फेस्टिवल के अंतिम दिन एक शानदार अवॉर्ड फंक्शन में भारतीय फिल्म ‘ऑल वी इमैजिन ऐज लाइट’ ने इतिहास रच दिया। पायल कपाड़िया की इस फिल्म ने ‘ग्रैंड प्रिक्स’ अवॉर्ड जीता, जो फिल्म फेस्टिवल का दूसरा सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। फिल्म को 8 मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन मिला और तालियों की गूंज से पूरा हॉल भर गया। आइये जानते हैं कि आखिर कौन हैं पायल कपाड़िया।

पायल कपाड़िया एक भारतीय फिल्म निर्देशक हैं, जिनकी फीचर फिल्म ‘ऑल वी इमैजिन ऐज लाइट’ ने 77वें कान फिल्म फेस्टिवल में सभी का दिल जीत लिया। दुनियाभर में पायल की इस फिल्म की चर्चा हो रही है। फिल्म के प्रीमियर के दौरान उपस्थित लोगों ने 8 मिनट तक खड़े होकर तालियां बजाईं। पायल की फिल्म ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ को 2021 में कान फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिए ‘गोल्डन आई’ अवार्ड मिला था। उनकी फिल्म ‘आफ्टरनून क्लाउड्स’ भी 70वें कान फिल्म फेस्टिवल के लिए चुनी गई थी। पायल ने ‘ऑल वी इमैजिन ऐज लाइट’ के लिए 2024 के कान फिल्म फेस्टिवल में ‘ग्रैंड प्रिक्स’ अवार्ड जीता है।

2021 में कान में अवॉर्ड प्राप्त शॉर्ट फिल्म

पायल कपाड़िया ने 2014 से 2024 के बीच चार शॉर्ट फिल्में बनाई हैं। उन्होंने ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ नामक शॉर्ट फिल्म का निर्देशन किया था, जिसे 2021 में कान फिल्म फेस्टिवल में ‘दी गोल्डन आई’ अवॉर्ड मिला था। इसके अलावा, उनकी अन्य शॉर्ट फिल्मों में ‘एंड व्हॉट इज द समर सेइंग’, ‘द लास्ट मैंगो बिफोर द मॉनसून’, ‘आफ्टरनून क्लाउड्स’ और ‘वॉटरमेलन, फिश एंड द हाफ घोस्ट’ शामिल हैं। पायल की फिल्मों ने अपने गहन विषयों और उत्कृष्ट निर्देशन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा प्राप्त की है।

पहली भारतीय महिला डायरेक्टर बनीं

‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ के संदर्भ में, पायल कपाड़िया की यह डॉक्यूमेंट्री कांस फिल्म फेस्टिवल की सबसे लंबी स्क्रीनिंग में से एक थी। जब इस फिल्म को ट्रॉफी दी गई, तो वह हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण था। अब इस उत्सव का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसी के साथ पायल कपाड़िया कांस फेस्टिवल में स्क्रीनिंग करने वाली पहली भारतीय महिला डायरेक्टर बन गई हैं।

पीएम मोदी ने दी बधाई

पायल कपाड़िया ने कान फिल्म फेस्टिवल में देश का नाम रोशन किया है, जिससे खुश होकर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी है। पीएम मोदी ने लिखा, “पायल कपाड़िया को ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ के लिए 77वें कान फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड प्रिक्स जीतने की ऐतिहासिक उपलब्धि पर भारत को गर्व है।”

पायल कपाड़िया के पुरस्कार और सम्मान (Payal Kapadia Awards and Achievement)

सैन डिएगो एशियन फिल्म फेस्टिवल (2017): ‘आफ्टरनून क्लाउड्स’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय शॉर्ट फिल्म पुरस्कार।
फ्राइबर्ग अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (2019): ‘एंड व्हाट इज द समर सेइंग?’ के लिए सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म पुरस्कार।
कान फिल्म फेस्टिवल (2021): ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए गोल्डन आई अवॉर्ड।
मार डेल प्लाटा फिल्म फेस्टिवल (2021): ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए अल्टर्ड स्टेट्स कॉम्पटीशन।
टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (2021): ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए एम्प्लीफाई वॉइसेस अवॉर्ड।
कैमडेन अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (2021): ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए उभरती सिनेमाई दृष्टि पुरस्कार।
लिस्बन और एस्टोरिल फिल्म फेस्टिवल (2021): ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार।
ताइवान अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल (2022): ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए एशियन विजन कॉम्पटीशन।
डॉक एलायंस अवॉर्ड (2022): ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए डॉक एलायंस अवॉर्ड।
यामागाटा अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल (2023): ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ के लिए रॉबर्ट और फ्रांसेस फ्लेहर्टी प्राइज।

No comments:

Post a Comment

हमारा वैश्य समाज के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।