#JAIN VAISHYA KULDEVI - जैन कुलदेवियों की सूची
लगभग समस्त जैन गोत्रो की कुलदेवियाँ होती है,यहां तक कि दिगम्बर जैनियो की कुलदेवियाँ होती है,पर जैन साधुओ द्वारा फैलाई गई विकृतियों के कारण वर्तमान पीढियां इस महत्वपूर्ण ज्ञान से वंचित हो गयी है,यहां तक कि इन धर्म गुरुओं के कारण जैनियो ने कुल गुरु(अपने वंश के कुलगुरुओ) को भी भुला दिया,जिसकी वजह से किसी2 परिवार में जीवनभर संघर्ष व कष्ट, और कहीं2 युवा सदस्यों की अकाल मौतों को भी झेलना पड़ रहा है।
जैन गोत्रो की संख्या 3500 से भी अधिक बताई जाती है,जिनकी कुलदेवियों के विवरण उपलब्ध नही हो पा रहे है।संकलन भी बहुत दुष्कर कार्य है।
3500 में से 498 तो मूल ओसवाल जैनियो के है,जो राजस्थानी क्षत्रिय को जैन पंथ में दीक्षित कर जैन बनाया गया था।
सबसे पहले अपनी सही कुलदेवी की खोज करे, इसके लिए आपके गोत्र/कुल/वंश के कुलगुरु जिन्हें भाट जी भी बोलते है,उनकी खोज करे, उनसे समस्त प्रकार की जानकारी,परंपरा आदि का ज्ञान हो जाएगा।उन्ही से स्थापना विधि,पूजा विधि भी मिल जाएगी।
यहां काफी कुलदेवियों की सूची जानकारी के लिए दी जा रही है,हालांकि ये सूची भी पूर्ण नही है।
1-श्री सच्चियाय माता
2-श्री अर्बुदा देवी या अधरदेवी
3-श्री अम्बा देवी या अम्बा जी
4-श्री आशापुरा देवी
5-श्री नागणेशी देवी
6-श्री सुसवाणी देवी
7-श्री बीस हत्थ देवी
8-श्री सुंधा देवी
9-श्री खीमज देवी
10-श्री बड़वासन देवी
11-श्री हिंगलाज देवी
12-श्री लोदर देवी
13-श्री भुवाल देवी
14-श्री लेकेक्षण देवी
15-श्री भवानी देवी
16-श्री बाणेश्वरी देवी
17-श्री केलपूज्य देवी
18-श्री झमकार देवी
19-श्री ब्रम्हाणी देवी
20-श्री नागदेवता व नागिन देवी
21-श्री रोहणी देवी
22-श्री बाण देवी
23-श्री गाजर देवी
24-श्री रुद्र देवी
25- श्री आशा देवी
26-श्री सुषमा देवी
27-श्री कुँवारीदेवी
28-श्री बीसल देवी
29-श्री मामरा देवी
30-श्री गंजेश्वरी देवी
31-श्री गोत्र देवी
32-श्री वाराही देवी
33-श्री काहनी देवी
34-श्री पदमावती देवी
35-श्री बाकलदेवी
36-श्री मुण्डारा देवी
37-श्री पाडल देवी
38-श्री पुनागर देवी
39-श्री पतंगा देवी
40-श्री जसवाय देवी
41-श्री चित्तोड़ी देवी
42-श्री मात्र देवी
43-श्री कुलेटी देवी
44-श्री शेषन देवी
45-श्री गाता देवी
46-श्री जीण चामुंडा देवी
47-श्री वीरवाडा देवी
48-श्री जमवाय देवी
49-श्री प्रेमीदेवी
50-श्री नारायण देवी
51-श्री सेढल देवी
52-श्री मोदरा देवी
53-श्री धना देवी
54-श्री नागोरी देवी
55-श्री निम्बज देवी
56-श्री डिडवाना देवी
57-श्री कंठन देवी
58-श्री डिदेसी देवी
59-श्री ललेची देवी
60-श्री चामुंडा देवी
61-श्री जीण देवी
62-श्री घुमडा चामुंडा या घुमडा देवी
63-श्री मादाजुन देवी
64-श्री खंडवा देवी
65-श्री कालन देवी
66-श्री मम्बा देवी
67-श्री शंखेश्वरी देवी
68-श्री किंचरिया देवी
69-श्री चौदरा देवी
70-श्री वारेसरी देवी
71-श्री साचौरी देवी
72-श्री मोदरा देवी
73-श्री सेतरावा दादी माँ
74-श्री करणी देवी
75- श्री माजी सा
76 - श्री जागरूप देवी (सती ),(ग्राम-सकोसाना,राजस्थान)
उक्त सभी देवियां विविध जैन गोत्रो की कुलदेवी के रूप में प्रतिष्ठित है। माजी सा किसी की कुलदेवी न होने के बाद भी अनेक जैन परिवारों में इष्ट देवी के रूप में प्रतिष्ठित है। गोलेछा गोत्र में 4 कुलदेवियाँ पाई गई,जो कि कुल परंपरा के कारण अलग2 प्रतिष्ठित हुई है।
कुलदेवी जांने हेतु अपने2 धर्म गुरु से पूछे य्गुया राजस्थान में अपने कुलगुरुओ की खोज करें
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