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Monday, March 25, 2024

THE GREAT VAISHYA COMMUNITY

THE GREAT VAISHYA COMMUNITY

महापंडित आचार्य कौटिल्य ने कहा था

 "धर्मस्य मूलमर्थ: | अर्थस्य मूलं राज्यं |"

- धर्मस्य मूलमर्थ: - धर्म का मूल अर्थ है तो बनिये कुछ करते क्यों नहीं ? बनिया ही धर्म संभाल सकता है..
 
अबे भाई चाणक्य की quote लेनी है तो पूरी लो ना..

 "धर्मस्य मूलमर्थ: | अर्थस्य मूलं राज्यं |" - धर्म का मूल अर्थ है लेकिन अर्थ का मूल राज है.. तो भैया बनियों पर पैसा है ठीक बात.. उस पैसे से बनिये धर्म के लिए करते भी रहते हैं लेकिन जब उस अर्थ में राज यानी पावर का सुमेल होगा तभी तो शुद्ध सनातनी चमत्कार होगा..

बनियों ने राज संभाला जब तो उस गुप्त वंश को भारत का और सनातन धर्म का स्वर्णयुग कहा गया.. ये था "धर्मस्य मूलमर्थ: | अर्थस्य मूलं राज्यं |" का चमत्कार

भीष्म पितामह ने महाभारत में युधिष्टर को राज्यधर्म का उपदेश समझाते हुए कहा की मंत्रिमंडल में - 4 ब्राह्मण, 8 क्षत्रिय, 18 वैश्य और 4 शुद्र होने चाहिए..


वैश्यों की जो इतनी बड़ी संख्या है उसका मूल ही यही है -

 "धर्मस्य मूलमर्थ: | अर्थस्य मूलं राज्यं |" वैश्यों को पावर दोगे तो सनातन का और राष्ट्र का उत्थान अपने आप होगा

एक वैश्य सम्राट हर्षवर्धन ने विदेशी शको और हूणों को जबरदस्त मार लगाई थी.
 
महाराणा भामाशाह जैसा उदाहरण हमारे सामने है। जब महाराणा लाचार थे तब उनके तारणहार बने थे "भामाशाह"। राजपूत रजवाड़ों में वैश्य उच्च पदों पर होते ही थे और ये एक आम बात थी.. राज्य का दूसरा सबसे बड़ा पद दीवान था जो वैश्यों के लिए आरक्षित था और जो राज्यों के लिए युद्ध में अहम भूमिका निभाते थे.. गांधी जी के पिता काबा गांधी भी पोरबंदर स्टेट के दीवान थे।
 
उसके बाद जब जब गोयनका जी और पोद्दार जी ने गीताप्रेस की स्थापना की... तब उस वक़्त ब्राह्मण लॉबी से उन्हें खूब पावर मिली उसी पावर का इस्तेमाल करके पोद्दार जी ने रामजन्मभूमि मंदिर परिसर में भगवान का प्राकट्य करवा दिया था..
 
उसके बाद जब गांधी जैसे वैश्य पावर में थे तब बिड़ला और बजाज ने धर्म ग्रंथ को फिर एक नए सूत्र में पिरोया . बिड़ला परिवार ने पूरे भारतवर्ष में सनातन के भव्यमन्दिर, धर्मशालाएं, पवित्र नदियों पर घाट आदि बनवाएं.. मालवीय जी के साथ मिलकर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और bhu का निर्माण करवाया।
 
उसके बाद जब विहिप का गठन हुआ और अशोक सिंघल जी आये पावर में तब उन्होंने हिंदुओं के ऊपर लगा सदियों का कलंक धोकर फेंक दिया। कोठारी बंधुओं ने शहादत दी।

जब नरेन्द्र मोदी नामक एक वैश्य इस देश की शीर्ष पद पर विराजमान हुए तो देश ने ताकत और तरक्की का मार्ग पकड़ा.
 
और अब जब कुलीन वैश्य अमित शाह बना था गृहमंत्री तब सबने देखा कश्मीर उद्धार, caa, जैसे मुद्दे हल हुए। तो जब जब अर्थ के साथ राज्य का सपोर्ट रहेगा तो अर्थ अपना चमत्कार दिखायेगा ही ।।

वैश्यों ने अर्थ अपने दम पर अर्जित किया अब लोकतंत्र है तो पावर तो आप लोग ही दे सकते हो.. दो तो एकबार फिर चमत्कार देखो नहीं तो बनिये तो मस्त है ही..
- प्रखर अग्रवाल

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